दिल तो मेरा तोड़ दिया है
अब क्यों तरस खाते हो
गैर के हो कर के क्यों अब
मुझसे प्यार जताते हो
बफा की राह पे चल करके
हमने उम्र बिताई है
कबूल है हमको उसकी सब
उसने जो जताई है
वक्त -ए - कयामत है अब
तुम हमको क्यों भरमाते हो
ये दुनिया तो आगाज है इक
ये कोई अंजाम नही है
उड़ने वाले परवाज कहें पर
ये कोई परवाज नही है
ये तो इक भ्रम- सा है
मुझे सुनहरे फरिश्ते बताते है
दिल तो मेरा तोड़ दिया है
अब क्यों तरस खाते हो
गैर के हो कर के क्यों अब
मुझसे प्यार जताते हो
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