✨मौसम को भी बदलने की आज़माइश है⛈️
🗣️कुछ लफ़्ज़ों से तुम्हारी तारीफ करने की ख्वाईश है।👩🦰
🕺आज मिज़ाज़ मेरा खुशनुमा सा है
तुमहारे चहरे पर मानो नूर खुदा सा है।🍁
🦜आज सारे पँछी बड़ी मस्ती में झूम रहें है🕊️
कहीं, तुम कोई गीत गा रही हो क्या? 🎤
🌬️आज हवाओं की ठंढक और मीठी हो गईं है🌀
👸कहीं तुम छत्त पर आ रही हो क्या?
🌙अब तक चाँद ही बादलो में छुपता था, पर अब तो सूरज भी बादलो में सर्मा गया है।🌥️
कहीं तुम बाल सूखा रही हो क्या? 💆
🥀मुरझाए फूल भी खिलने लगे है🌹
कहीं तुम मुस्कुरा रही हो क्या? 😍
🗻समुन्द्र में ये चाँद को छूने की ललक कैसी 🌙
कहीं तुम पलकें झुका रही हो क्या? 😌
🌴आज प्रकृति भी तुम्हे देखने को बेताब है👀
👁️कहीं तुम उनसे आँखें चुरा रही हो क्या? 💬
🧸आईना भी जल रहा है खुद ही खुद को देख कर
💕कहीं तुम खुद से प्यार जाता रही हो क्या? 💌
🦚सुना है इस जन्मास्टमि पर स्वयं कृष्ण तुमसे मिलने आरहे है🦚
💓कहीं तुम उन्हें प्रेम का राज़ बाता रही हो क्या? 💖
☺️ज़िंदगी भी अब खिलखिला के मुस्कुराने लगी है😉
🌝कहीं तुम ज़िन्दगी को जीना सीखा रही हो किया? 😇
🧚सुना है उर्वशी, रंभा, तिलोत्तमा, मेनका सब तुम्हारे दर पर है 🧚
कहीं तुम उन्हें अपनी खूबसूरती का राज़ बता रही हो क्या? ? 💇
To be continued....
आज हवाओं की ठंढक और मीठी हो गईं है कहीं तुम छत्त पर आ रही हो क्या? .... मुरझाए फूल भी खिलने लगे है कहीं तुम मुस्कुरा रही हो क्या? .... //.... अद्वितीय कविता. प्रेमिका की सुंदरता और उसके बहुआयामी प्रभाव का कैसा आकर्षक चित्रण है. धन्यवाद, मुकुंद जी.
बहुत बहुत शुक्रिया मुझे ये सुन कर बहुत अछा लगा कि आप जैसे वरिष्ठ कवि को इस छोटे से कवि की कविता पसंद आई आप हमेसा ही मेरा उत्साह बढ़ते है उसके लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया
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Very very beautiful 😍😍😍😍😍😍😍😍😍
थैंक यू सो मुच्