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Wednesday, September 19, 2012
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
जिस व्यक्ति के हृदय में विनम्रता का भाव हो वहां ईश्वर आते हैं। नीति से प्राप्त किया धन ही लक्ष्मी कहलाता है। यह बात देवी मंदिर में बुधवार को पुरुषोत्तम मास की कथा सुनाते हुए आचार्य धर्मपाल महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि मालामाल उसे कहते हैं जिसके पास माल के साथ माला भी हो। दुनिया माल वाले को चाहती है। माला वाले को भगवान चाहते हैं। सिग्नल डाउन न हो तो रेलगाडी अंदर नहीं आती है। जिस व्यक्ति के हृदय
में विनम्रता का भाव न हो वहां ईश्वर नहीं आते हैं। अनीति से प्राप्त धन अलक्ष्मी कहलाता है। रीति, नीति व प्रीति से प्राप्त धन भाग्य लक्ष्मी कहलाता है। 24 घंटे में यदि मनोकामना पूरी हो जाए तो ईश्वर में विश्वास बढ जाता है। यदि मनोकामना एक मास में पूरी हुई तो धैर्य बढ जाता है। मनोकामना यदि एक वर्ष में पूरी हुई और आपने भक्ति नहीं छोडी तो ईश्वर का विश्वास आप पर बढ जाता है। ज्ञान कहीं से भी प्राप्त हो अर्जित करना चाहिए। सोने का सिक्का नाली में पडा हो तो उसे कोई नहीं छोडता है।
यज्ञ के यजमान राधेश्याम गोयल रहे। कथा के मुख्य अतिथि शहरी विधायक बलबीर पाल शाह व बलबीर घनघस रहे।
प्रेम से पुकारो आएंगे प्रभू-
प्रेम से पुकारो प्रभू जरूर आपके द्वार आएंगे। प्रभू ही विपत्तियों के संहार करने वाले हैं।
कृष्ण की बाललीला का पावन प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान बृज की गोपियों के घर जाकर माखन ही नहीं खाते थे, उनके पापों को भी साथ ले जाते थे। भक्त जब कृष्ण की शरण में जाते हैं तो प्रभू उनकी विपत्तियों का हरण कर लेते हैं। बृज की गोपियां कृष्ण को अपने घर बुलाती है। प्रलोभन देती है. मेरे घर आना कन्हैया, तुझे माखन खिलाऊंगी। कन्हैया जब माखन चुराने जाते हैं तो गोपियां उनको पकड लेती है। इसी तरह आप कन्हैया को बुलाओ, माखन खाने का निमंत्रण दो ताकि कन्हैया कृपा करके आपका माखन स्वीकार कर लें। आपका जीवन सफल हो जाएगा। जिसके घर में कान्हा पहुंच जाएं तो उसे सब कुछ मिल जाता है।
सत्कर्म से मिलेगी शांति-
मन में जब सत्कर्म नहीं होगा तो शांति नहीं मिलेगी। तब तक आप पापात्मा ही रहोगे।
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Poems By shiv chandra jha