(आप सब को नव वर्ष 2017 की बधाई)
साल आता है, , आता -जाता है!
पर मगर ये , , , सबक़ सिखाता है!
ठान लेता है , , , , दिल के अंदर जो,
कुछ न कुछ , , , , , , कर के वो देखता है!
फिर वो मंज़िल को, , , , अपने पाता है!
खाबे ग़फ़लत से, , , , , जाग जाता है!
जॉश व् जज़्बा ये, , , , साथ लाये है!
रोते हँसते ये, , , , बीत जाये है!
रोज़ो शब् हर , , , घड़ी से नाता है!
वक़्त की अहमियत , , , ; बताता है!
साल आता है, , , , , , आता जाता है!
साले नाउ तुझ से, , , कह रहा हुईं मै!
ज़ुल्म बरसों से , , , सह रहा हुईं मैं!
दिन दुनियां हमें भी, , , हासिल हो!
सिर्फ खतरे में, मेरा क़ातिल हो!
ज़िन्दगी प्यार की, , , , ज़रूरत हो!
खूबसूरत हो, , , , , खूब सीरत हो!
दिल ये हसरत में, डूब जाता है!
साल आता है, , , , आता -जाता है!
रचना &लेख: - अंजुम फिरदौसी
(ग्रा+पो= अलीनगर, दरभंगा, बिहार
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