प्रेमगीत
सून मेहबूबा मै तेरा हुआ
जिने का मुझको बहाना मिला
तेरा ही नाम लेके धडके मेरा दिल
तेरे बिना है अब जिना मुश्किल
तेरे खायलो मे गुजरे रात और दिन
तू सदा साथ रहे धूप हो या सावन
सून मेहरबा इकरार हुआ
जिना तेरेबीन दुश्वार हुआ...
तेरे हि हाथो मे है मेरी तकदीर
तू मेरी पहली और आखिरी मंजिल
अब न कोई गम हो बस ख़ुशी हरपल
तू सदा पास हो कांटे हो या हो फुल
सून दिलरुबा ऐतबार हुआ
जिना तेरा मेरा आसान हुआ
कवी-प्रवीण
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