जाने अनजानें मैं हम तुम, ये कहाँ पे आ गए,
राहों के, हर साए पे, हम तुम ही तो छा गए,
रेहमत बनके, ख़ुदा की हम, जहां मैं आ गए,
बरखा के, बादल बनके हम तुम, फ़िज़ा पे छा गए,
ख़ुशी के अश्क, बनके हम तुम, पलकों पे आ गए,
दूर से आती, हर इक सदा पे, निशां बना गए,
हाल - ऐ - दिल, अब हवाओं सा है, सो फ़लक़ पे छा गए,
सहारा मिला, जो हमको हमारा, हम ख़ुदा से हो गए,
ज़िन्दगी के, बाग़ - ऐ - ज़हन मैं, हम बनके सकूँ, छा गए,
दिल से निकल के, दिल के ही पहलु, ख़ुद हमको ही हम मैं डुबा गए,
निर्वान बब्बर
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