इस दिवाली (Indian Army Poem) Poem by vishal angel sharma

इस दिवाली (Indian Army Poem)

मैं कहता हूँ माँ मैं आऊंगा,
इस दिवाली पर नहीं कभी और आऊंगा ।
मैं कहता हूँ माँ मैं लाऊंगा,
मैं इस देश की खुशियां वापिस लूंगा ।
मैं कहता हूँ माँ मैं आऊंगा,
पैरों पर चलकर न सही
तो तिरंगे मैं लिप्तटा आऊंगा ।
जब लगाऊंगा तेरी मिटटी को सर पर
गर्दन रखूँगा सीधी तड़ड़ कर
सीमा पर खड़ा होकर जोर से चिल्लाऊँगा
वनदे मातरम कहते हुए तिरंगा लेहराऊंगा ।
मैं दूंगा ऐसी दहाड़ की धरती फट जाएगी,
हमपर ऊँगली उठाने वालो की हस्ती मिट जाएगी,
वो कहेंगे ये कैसा बूचाल आया है
पक्का किसी हिंदुस्तानी माँ का लाल आया है ।
माँ इस बार तू अकेले मना दिवाली
तू चिंता ना कर नहीं होगी तेरी झोली खाली,
हम इतने हैं की उंगलिओं पर नहीं गइ गिन पाएगी
पर हमे पता है
ममता तेरी सबपर बराबर लहराएगी ।
हमे बैर नहीं किसी से पर सर क़लम कर देंगे
जो तुझपर ऊँगली उठाएगा ज़िंदा दफ़न कर देंगे ।
हम हिन्दू नहीं मुस्लमान नहीं सिख नहीं ईसाई नहीं
हम बच्चै हैं एक माँ के,
माँ तू सबको खुशियां देना
हम यहीं खड़े हैं शान से ।
छाती पर गोली खाऊंगा
पर कभी मुह नहीं छुपाऊंगा
अरे ये तो मुक्कदर की बात है
तू डर मत
तेरे वीर तॆरॆ साथ हैं।
शहीद हो जाऊंगा पर कभी पीठ नहीं दिखाऊंगा
पर कह देता हूँ माँ
मैं वापस जरूर आऊंगा ।
मैं वापस जरूर आऊंगा ।
इस दिवाली न सही तो कभी और वापिस आऊंगा
खुद चलकर न सही तो तिरंगे मैं लहराता आऊंगा
पर कह देता हूँ माँ मैं वापस जरूर आऊंगा ।
मैं वापस जरूर आऊंगा । 🇮🇳

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