## Mujhko Tumse Kuchh Kahna Hai ## Poem by Kumar Sawariya

## Mujhko Tumse Kuchh Kahna Hai ##

Rating: 5.0

## मुझको तुमसे कुछ कहना है। ##

मुझको तुमसे कुछ कहना है।
तेरे दिल मे मुझे अब रहना है।
सागर मे जैसै बहता है जल,
रग-रग मे मुझे तेरे बहना है।
मुझको तुमसे कुछ कहना है।
तेरे दिल मे मुझे अब रहना है।

मैंने चुना तुझको तु मुझको ले चुन।
बैचैन मेरी धड़कन तो सुन।
खोजा तु मुझको प्यार कर।
आजा ले मेरा दीदार कर।
बह रही घटा पवनो के साथ,
ऐसे साथ मुझे तेरे बहना है।
मुझको तुमसे कुछ कहना है।
तेरे दिल मे मुझे अब रहना है।

तेरे लिए दुआ मै करता हु।
यादो मै तेरी आहे भरता हु।
कभी मेरे लिए भी दुआ तु कर,
यादो मे मेरी आहे तो भर।
रहता हैं चाँद तारों के साथ,
ऐसे साथ मुझे तेरे रहना है।
मुझको तुमसे कुछ कहना है।
तेरे दिल मे मुझे अब रहना है।

मुझको तुमसे कुछ कहना है।
तेरे दिल मे मुझे अब रहना है।
सागर मे जैसै बहता है जल,
रग-रग मे मुझे तेरे बहना है।
मुझको तुमसे कुछ कहना है।
तेरे दिल मे मुझे अब रहना है।

By-कुमार साबरिया
8058606438

## Mujhko Tumse Kuchh Kahna Hai ##
Sunday, May 29, 2016
Topic(s) of this poem: love and friendship
COMMENTS OF THE POEM
Naveen 10 February 2019

Aweosome

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