पहाड़ों पर कब्जा कर रहे है
कर रहे है पूंजीपति
ऐश परस्ती में गिफ्ट कर रही
सरकार देश की सम्पत्ति
हर जगह
निजीकरण दिखाई दे रहा है
विकास के नाम की कोई झूठी
सफाई दे रहा है
सडकों के निर्माण में
ठेकेदारी बढ़ रही है
अब हाइड्रो प्रोजेक्ट भी
प्राइवेट कम्पनिया निर्माण कर रही है
क्यों न हो?
सरकार के मन्दिर में
अच्छी रकम भेंट चढ़ रही है
यह पूंजीपति
जमकर लोगों का शोषण कर रहे है
फेक्ट्री एक्ट, लेवर एक्ट
सबका उलंघन कर रहे है
मजदूरों के बच्चे सडक किनारे
कोलतार के ड्रमों से
कुछ करते हुए मिलते है
बाल मजदूरी अपराध है यहाँ
कुछ पढ़े -लिखे लोग कहते है
स्कुल, शिक्षा, सुपोषण
उनके लिए सरकारी फाइलों में लिखा जाता है
हर कानून हर एक्ट यहाँ पर
पहले पूंजीपतियो के चरणों में रखा जाता है
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