क्यों?
प्रथम हिन्दू महा संगीति
कारण है
प्रथम हिन्दू महा संगीति के लिए
मानवता और धर्म की प्रगति के लिए
यह जरूरी है
मिला था मुझे ट्रेन में
एक अजनबी सज्जन
हृस्ट -पुष्ट
अफ्फसर स्तर का
स्वर्ण - ब्राह्मण
बहुत दुखी था, कुंठित
चारो और से
समाज की बेड़ियों से बंधा
छटपटा रहा था
घायल पंछी - सा
जैसे जाति प्रथा ने
शिकार कर लिया था उसका
जैसे आखरी साँस की तपिश को
ठंडा करने के लिए
किया हो इशारा
उसने दो घूंट पानी के लिए
फिसल गयी उसकी जुवान
अजनवी पेसेंजर के सामने
उसके वो क्या लगते थे
उसको रहा ही नही व्यथा में ध्यान में
उसने कहा मै
बहूत दुखी हूँ, व्यथित हूँ
असमंजस में हूँ
मुझे घेर रखा है समाज ने
मुझे बांध रखा है
बेड़ियों में जाति प्रथा ने
में पढ़ा -लिखा हूँ
फिर भी असमंजस में हूँ
निर्नेय लेने में…….
आगे की कविता अगली पोस्ट में भेजूंगा
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