कोई सी बात नहीं Poem by Pushp Sirohi

कोई सी बात नहीं

तेरी हर बात में कोई बात है
जो सीधी दिल पे जा कर लगती है

तू जो चुप रहता है कुछ लम्हों को
मेरी तन्हाई भी काँप सी जाती है

अब क्या समझाए कोई पुष्प
कि मोहब्बत भी कोई सी बात है

COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success