सविता देवता संदेशा,
मेरा तुम ले जाना,
जहाँ कहीं भी गुरुवर होँ,
उन तक तुम पहुँचाना।
मुझे नहीं है अन्देशा,
मैं तो रहा एक अंजाना,
जहाँ कहीं भी गुरुवर हों,
उन तक तुम पहुँचाना।
दिया क्या मुझे उन्होंने,
समझ से हूँ मैं बेगाना,
जहाँ कहीं भी गुरुवर हों,
उन तक तुम पहुँचाना।
अगर हुई गलती कोई,
कर दें माफ़ मुझे,
जहाँ कहीं भी गुरुवर हों,
उन तक तुम पहुँचाना।
सविता देवता संदेशा,
मेरा तुम ले जाना,
जहाँ कहीं भी गुरुवर होँ,
उन तक तुम पहुँचाना।
Copyright © 2012 Sanjeev Kumar
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bahut badhiya.. thanks for sharing