Ravi Yadav Amethiya Poems

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1.
शोषण

वो तेरा इंतज़ार करना रास्तों में याद है,
कभी तो आओगे तुम, इस तरफ इस डगर।
पर उनकी होशियारी मालूम ना थी हमें,
किसी रास्ते किसी और के साथ, चले गए मगर।
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