Rohitashwa Sharma

Rohitashwa Sharma Poems
- प्रतीक्षा और अभिलाषा प्रतीक्षा और अभिलाषा राह देखते ...
Click here to add this poet to your My Favorite Poets.
Comments about Rohitashwa Sharma
प्रतीक्षा और अभिलाषा
प्रतीक्षा और अभिलाषा
राह देखते आँखें ठहरी, आजाओ ना पास प्रिये
छोड़ जहाँ की दुनियादारी, आओ कुछ पल साथ जियें
पथरीली राहों पर चलते, जख्मी दोनों पांव हुए
बैठ पेड़ की छाँव तले अब, आओ अपने जख्म सियें
पैर थक गए बहुत अब मेरे, कन्धा दो ना बांह तले
दूर बहुत चल लिया अकेला, आओ दो पग साथ चलें
फसल प्यार की सूख रही है, धरती सारी सुलग रही है
प्यास गले की शीतल करने, बरस जाओ न आज प्रिये
बीन बजायी बहुत अकेले, साँसे अब तो फूल रही हैं
जीवन राग में संगत देने, आजाओ सब साज लिए
औरों के सपनो की खातिर, अब तक दोनों दूर रहे
बैठेँ फिर यूँ पास पास हम, अपने ...
PoemHunter.com Updates
-
Check out
Classic Poets
-
Footsteps of Angels
Henry Wadsworth Longfellow
-
A Song About Myself
John Keats
-
A Very Short Song
Dorothy Parker