vivek sachan Poems

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1.

तुम्हारा सवाल कौधता है जेहन में मेरे...
तब से
जब से
पूछा था तुमने 'क्या तुम कविता करते हो..'
...

2.
मै तेरा हूँ आज भी.....

बहुत से ख्वाब मैंने
टूटते बिखरते देखे है
इन आँखों से
तुम भी एक हिस्सा हो
...

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