अजी सुनते हो! 18.6.16—7.00 AM
अजी सुनते हो!
कहाँ सुनते हो
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मेरा संगीत हो 22.6.16—4.35 AM
जिंदगी के कुछ छणों को बेशक उधार लो
बहुत ज्यादा न सही बेशक कभी कभार लो
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एक शीशा चरमराया -29.8.15—3.33AM
एक शीशा चरमराया
कुछ समझ नहीं आया
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A-251 मेरा रक़ीब 13.3.17-7.00 AM
मुझे मेरे रक़ीब से प्यार हो गया
महबूबा मेरी का वो यार हो गया
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देखा है इनको 26.4.16—10.15 AM
गरीब गुरबों की क्या बात करूँ
न तो हैवानों में आते हैं
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तेरा करीब आना 28.2.16—8.00 AM
तेरा करीब आना और फिर मुस्कराना
नज़रें करीब लाना और मुझको बुलाना
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A-271 तेरी इनायत 15.5.17- 11.21 PM
तेरी नज़रों में देखूं और प्यार करता जाऊँ
तेरी इनायत हो तो थोड़ा इज़हार कर लूँ
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बहाना ढूँढते हो
कभी मुस्कुराने का
कभी खिलखिलाने का
झूठी हँसी हँसकर
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A-290 एक मुसाफ़िर 22.6.17-6.52 AM
एक मुसाफ़िर की नज़र में बता दे तू कौन है
खुदा है ज़मीं है हलचल है या कि
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A-291 मैं चाहता हूँ 22.6.17- 10.32 AM
मैं चाहता हूँ, तुमको, तुमसे ज्यादा प्यार करूँ
हर लम्हा तेरे साथ रहूँ, खुल के इज़हार करूँ
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