Dr. Navin Kumar Upadhyay Poems

Hit Title Date Added
151.
राधा श्याम द़ोऊ

153.
परा प्रेमरुपा

154.
हरेक दिल के हर्रफ

155.
यह पता न रहता

156.
मिलने आ जाते तुम,

157.
वही मिलाने वाला है।

158.

सजी सलोनी सुहागिन सोच रही पुरानी यादों को,
कैसे बीत गये शैशव कौमार्य,
अब निभाने नये वादों को,
पीहर छोड़ चली आई अब मैं,
...

159.
हम चारों ओर हेरते

160.
हकीकत जान सकता कौन?

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