उसकी यादों का आना हो गया है Poem by Lalit Kaira

उसकी यादों का आना हो गया है

Rating: 5.0

ये चरखा कारखाना हो गया है
अब तो हँसना बहना हो गया है

उसने मुस्कुरा के अदा से कह दिया
मेरा मेकअप पुराना हो गया है

मेरी कविता रवानी ढूँढती है
खुद से कहना सुनाना हो गया है

जब भी रोया तो हँस के माँ बोली
मेरा बेटा सयाना हो गया है

क़यामत से डराते हो ललित को
उसकी यादों का आना हो गया है

Monday, November 2, 2015
Topic(s) of this poem: life,love and life
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 02 November 2015

ग़ज़ल में अभिव्यक्ति का यह अंदाज़ नया भी है और अर्थपूर्ण भी. धन्यवाद, ललित जी.

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Lalit Kaira

Lalit Kaira

Binta, India
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