पीड़ाएं बहुत कुछ दे जातीं हैं Poem by Upendra Singh 'suman'

पीड़ाएं बहुत कुछ दे जातीं हैं

यदि पाने के पात्रता हो तो
पीड़ाएं भी हमें बहुत कुछ दे जातीं हैं.

मृत्यु जीना सिखाता है,
दुर्घटना चौकस व सजग बनाती है.
असफलता सफलता के मार्ग दिखाती है,
ठोकरें झुझारू और साहसी बनाती
यदि पाने पात्रता हो तो.....................

युद्ध शांति का पाठ पढ़ाती है.
गल्तियां अनुभव का खज़ाना बढ़ाती हैं.
चोट चुपके-चुपके कुछ सीख दे जाती है,
डांट-डपट पते की बात बताती है.
यदि पाने की पात्रता हो तो.....................

उपेन्द्र सिंह ‘सुमन'

Tuesday, December 15, 2015
Topic(s) of this poem: life
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 18 January 2016

हर कदम पर ज़िंदगी ने हमें व्यवहारिक ज्ञान की बाते सिखाने का इंतज़ाम किया हुआ है. आपकी कविता यही बताती है. कविता की कुछ प्रेरक पंक्तियाँ: यदि पाने के पात्रता हो तो पीड़ाएं भी हमें बहुत कुछ दे जातीं हैं. युद्ध शांति का पाठ पढ़ाती है. गल्तियां अनुभव का खज़ाना बढ़ाती हैं.

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