बबुनी भेजले बा हमके ई-मेल हो (भोजपुरी) Poem by Upendra Singh 'suman'

बबुनी भेजले बा हमके ई-मेल हो (भोजपुरी)

बबुनी भेजले बा हमके ई-मेल हो.
दमदा मांगेला दहेजवा में रेल हो.

कहेला सुनब ना हम कवनो सफाई.
वसूलब ससुर जी से एक-एक पाई.
कसले बा हमरी नकेल हो.
बबुनी भेजले बा हमके ई-मेल हो........

कहेला मंगईबू ना त तोहके सताइब.
तोहरे प हिटलर क शासन चलाइब.
दे देबंय घरवे में जेल जो.
बबुनी भेजले बा हमके ई-मेल हो........

भेज दिहला बाबुल हमके कवनी ठावं हो.
डालि दिहलू माई तूं बेड़ी हमरी पाँव हो.
हो गइलीं जिनिगीया ई खेल हो.
बबुनी भेजले बा हमके ई-मेल हो........

आपन बिपतिया हम कइसे बताईं.
कइसे क रहीं कइसे मनवां लगाईं.
हमार नाहिं केहू हमहीं अकेल हो.
बबुनी भेजले बा हमके ई-मेल हो........

Monday, January 4, 2016
Topic(s) of this poem: life
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