खुशी का राज (मुस्कुराहट) Poem by Larika Shakyawar

खुशी का राज (मुस्कुराहट)

Rating: 5.0

कुछ बहुत खास
किसी की खुशी का राज
किसी की खुशी का पिटारा
किसी के जीने का सहारा
किसी की लम्बी उम्र का राज
किसी में बहुत खास
चेहरे का भाव
बेमिसाल
बेनकाब सा जादूँ
गुस्से के माफिक
ताले की चाँबी
तो गाल पर
गढ्ढे बनने की निशानी
जिन्दगी जीने का अंदाज है
मुस्कुराहट बहुत खास है
सुबह को हसीन
शाम को रंगीन कर दे
खुशनुमा मिजाज
सेहतमंद इंसान कर दे

This is a translation of the poem The Secret Of Happiness by Larika Shakyawar
Thursday, March 24, 2016
Topic(s) of this poem: expressions
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Larika Shakyawar

Larika Shakyawar

Rajgarh M.P., India
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