मुद्दा क्या है Poem by Priya Guru

मुद्दा क्या है

मैं भी मुह में जुबां रखता हूँ
क़ाश तुम पूछो कि मुद्दा क्या है
ये कायदे क़ानून आएंगे अब तुम्हारी हिमायत करने
कोई जानता भी है कि मुद्दा क्या है
(dedicated to Ghalib Two Liners)

Thursday, October 20, 2016
Topic(s) of this poem: relationships
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success