प्यार करता क्यों है दिल Poem by Priya Guru

प्यार करता क्यों है दिल

Rating: 4.5

प्यार करता क्यों है, ये दिल
बेवजहा किसी पे मरता क्यों है दिल

तक़दीर की बंदिश होती है
या चाहतों की नुमाइश है येह
नज़र की गलफलातशारी होती है
या चांदनी रवादारी है येह

तिनकों के सहारे बस्ती है कोई
या साहिल है बिन कश्ती कोई
ख़्वाब दिखलाता क्यों है दिल
प्यार निभाता क्यों है ये दिल

आशियां है किसी रिश्ते का
या पहरा है किसी फ़रिश्ते का
टूटे खाबो की आंधी में
चलना सिखाता क्यों है ये दिल

आखिर प्यार करता क्यों है, ये दिल
बेवजहा किसी पे मरता क्यों है दिल

Tuesday, January 12, 2016
Topic(s) of this poem: love and life
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