अब जो वादा किया है तो निभाएंगे Poem by Lalit Kaira

अब जो वादा किया है तो निभाएंगे

अब जो वादा किया है तो निभाएंगे
हम हम हैं तुम नहीं कि मुकर जायेंगे

जिंदगी बरबाद न कर पायेगी हमको
कसौटियों पर कस के निखर जायेंगे

जिनके हाथ में हैं इन बच्चों का कल
निभा लें फर्ज तो ये फूल सँवर जायेंगे

बहुत हुयी बात बिगड़ने बनने की
अब जिससे बनी उमर भर निभाएंगे

शाम की पिक्चर कभी फिर देखेंगे
अब माँ ने बुलाया है तो घर जायेंगे

हाँ में हाँ औ' ना में ना मिलानी है
ललित सवाल करें तो बिफर जायेंगे

Monday, March 27, 2017
Topic(s) of this poem: love and life
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Lalit Kaira

Lalit Kaira

Binta, India
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