ज़िन्दगी ज़िन्दादिली का नाम है।
मुर्ददिल क्या खाक़ जिया करते हैं।।
सर पर जूनून, दिल में हौसला लिए,
दीवाने नामुमकिन को आसान किया करते हैं।
बनाकर पसीने को अपने आब-ए-ज़न्नत,
ज़िन्दगी के जाम को भरपूर पिया करते हैं।
मोड़ने को खुद के बूते वक़्त की धार,
फना होने को 'बेलाग' कसमें लिया करते हैं।
हो जाएं किसी नरगिसी शमा पर निसार,
परवाने इसी ख्वाहिश में जिया करते हैं।
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wah wah wah kya baat kya baat