पर्यावरण Poem by Shipra singh (ships)

पर्यावरण

पर्यावरण साफ सफाई
हैं ये कर्तव्य हमारा
कुड़ा कचड़ा एक जगह कर
साफ़ सफाई रखाना हैं।

आधिकार है इन कार्यो को करना
कर्तव्य हैं इन कार्यो को करना,
पर्यावरण को अच्छा कर
देश को अच्छा करना हैं।

हरे भरे जीवन में
खुश हाली बनाना हैं,
पेड़ पौधें लगाकर
हरियाली फैलाना हैं।

हैं ना जीवन इसके बिना
जीवन से तालूक रखता हैं,
पर्यावरण को अच्छा कर
जीवन को अच्छा करना हैं।

शिप्रा सिंह🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

पर्यावरण
Sunday, June 11, 2017
Topic(s) of this poem: nature
COMMENTS OF THE POEM
Preete singh 14 July 2018

Natural poem....

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