खबर है कि
आज़ सुबह कुहरे ने
सूरज पर असहिष्णु व आक्रामक होने का
संगीन आरोप लगाया है
और अपनी अस्मिता और अस्तित्व के लिए
उसे गंभीर खतरा बताया है.
सूरज की इस तथाकथित असहिष्णुता और आक्रामकता
के खिलाफ पूरे वायुमंडल में सियासत गरमाई है.
अंधेरों ने कुहरे का पक्ष लेते हुए,
सूरज के इस रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है
और आंधी, भूचाल, चक्रवात, बाढ़, सूखा, प्रदूषण
आदि की आपात बैठक बुलाई है.
ताज़ा हालात ये है कि -
पूरे ब्रहमांड में सूरज के खिलाफ बगावत है,
बवंडर है, बवाल है,
आम आदमी का बुरा हाल है
हर प्राणी बेहाल है.
धरना, प्रदर्शन, हो-हल्ला और नारेबाजी ने
आसमान सिर पर उठा लिया है.
शांति, शालीनता और संविधान को बंधक बना लिया है.
जनजीवन की गाडी ठहर गई है,
ये सब देखकर इंशानियत सिहर गई है.
इधर अपने खिलाफ यह अजीबोगरीब
सियासत देखकर सूरज भौंचक्का है.
उसकी बोलती बंद है,
वह हक्का-बक्का है.
दो टूक शब्दों में कहें तो
पूरे विपक्ष ने माहौल कुछ इस तरह गढ़ा है कि
अब सूरज आरोप के कठघरे में खड़ा है.
उपेन्द्र सिंह ‘सुमन'
चौधरी सूरज प्रसाद की चौधराहट खतरे में हैं. प्रतिपक्ष की काली शक्तियाँ उसे चुनौती पेश करती है. देखिये क्या हो. सुंदर. धरना, प्रदर्शन, हो-हल्ला और नारेबाजी ने शांति, शालीनता और संविधान को बंधक बना लिया है. ये सब देखकर इंशानियत सिहर गई है.
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देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को को प्रदर्शित करती प्रभावोत्पादक रचना,