बहन-भाई की प्रीति है,
यह चली आ रही रीति है;
है अनुरागा यों सलोना बंधन,
लो पधारा पर्व ‘रक्षाबंधन'।
त्योहार यह ठहरा प्रतीक-ए-अमन,
पवित्र ‘श्रावण' माह होता आगमन;
सर्वत्र परस्पर तिलक-चंदन,
जिसे दर्शाए ‘रक्षाबंधन'।
डोर यों तो कच्चे धागे का,
सुरक्षा-चिह्न आयुष्यभर का;
विनोदमय हुए सभी के मन,
आया खुशनुमा ‘रक्षाबंधन'।
इस रिश्ते का इतना मान,
खींच लाए यमलोक से प्राण;
नाता है नाजूक कलियों-सा,
जिसे खिलाए ‘रक्षाबंधन'।
एक उदाहरण गोविंद-द्रोपदी,
जिनकी मिसाल रही सदियों-सदी;
बहन करे भाई का वंदन,
एकत्र मनाएँ ‘रक्षाबंधन'।
Very beautiful poem on 'Rakshabandhan' holy love of sister towards her brother has been inscribed in hindi nicely. Let me quote some lines.. . एक उदाहरण गोविंद-द्रोपदी, जिनकी मिसाल रही सदियों-सदी; बहन करे भाई का वंदन, एकत्र मनाएँ ‘रक्षाबंधन'। Enjoyed with photo provided. Thanks for sharing.
Heartedly thanking you for your laudable comment sir! ! ....
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रक्षाबंधन पर्व को समर्पित आपकी इस सुमधुर कविता का अभिनन्दन है, मित्र. अतिसुन्दर उद्गार.
धन्यवाद महोदय!