जब लिया हमने जन्म
कोई न था मेरा दोस्त
तब माँ ने थामा हाथ
कहा मैं हूँ तेरा दोस्त
जब पिता जी आए लेने
अपने गोद में मुझे
तब मैं डर 😱 कर रोया
दौड़ कर आयी माँ
कहा ये पिता हैं तुम्हारे
धीरे धीरे मैं हुआ बड़ा
महल्लों गलियों मे दौड़ा
तब बने मेरे कुछ नए
लालची, स्वार्थी दोस्त
जब मै कुछ खाता
वह दौड़कर आता
माँ क्रोध मे कहा मुझे
डाँटकर दुर रहो उनसे
जब पढ़ने गया मैं
स्कूल मे बने नए दोस्त
लगता था रहेगें हमेशा
पढ़ाई पूरी होते गए छुट
बस हैं यादों में अब
तभी घर वालों ने कहा
काम करो मन रहे शान्त
क्या पता कह कर मैंने
लगाया मन को काम पर
मेरे जीवन में आगम हुआ
लगा कोई आया अपना
आपसे बातें हुई तब
पता चला वह मेरी परछाई
रूप आप का लेकर आई
बस ईश्वर से प्रार्थना
हमारी है रहे साथ हमेशा
आप न जाए छोड़कर
हर पल हर समय
रहूँ मैं आपके साथ
हर मुश्किल लगे असान
जब हो आपका साथ ।
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