इंसानो से पूछा मैंने Poem by Ahatisham Alam

इंसानो से पूछा मैंने

इंसानो से पूछा मैंने
कि किस बात का तुमको
घमण्ड हो गया है
कहते थे जिसको इंसानियत तुम
वो ज़मीर अब तुम्हारा कहा खो गया है

तमाशा बनाकर गरीबो का तुमको
मिलेगा क्या ये बताओ ज़रा तुम
तेरी इंसानियत अब कहाँ मर गयी है
और तेरा ईमान कहाँ सो गया है।

Saturday, January 20, 2018
Topic(s) of this poem: love and life
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