झुंड के साथ रहो Poem by Utpal Thaker

झुंड के साथ रहो

उन्हो का उद्देस
व्यावहारिक हो
झुंड के साथ रहो
सुरक्षित चराई हें
प्रतिभूत मैदान में
रुका हूँ
केवल तुजे खोजने
फूल से फूल तक
फल से फल तक

This is a translation of the poem Stay With The Herd by Utpal Thaker
Thursday, August 9, 2018
Topic(s) of this poem: mystical love
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