परीक्षा के लिए मेहनत Poem by Shipra singh (ships)

परीक्षा के लिए मेहनत

तुम्हें याद आती होगी है पल पल
जब तुमने कॉपी में पढ़ा था|
पर तुमने खो दिया जो मैंने दिमाग में गढ़ा था|

काश! हम थोड़ा मेहनत करते,
नहीं ज्यादा तो कम ही करते|
जरूरी है मेहनत करना,
क्योंकि है हमें अपने मुकाम पर जाना|

मेहनत ही सफलता की पूंजी है,
जो हमारी पास होके भी हमसे दूजी है|
काश हम इस कायनात को बदल पाते,
हो मुठ्ठी में सबकुछ
उस वक्त को बदल पाते|

जब तुमने सुख को गया होगा,
तब तुमने दुख खाया होगा,
जब तुम ने पहली बार किसी को हराया होगा,
तब जाकर तुमने अपना मुकाम पाया होगा|

परीक्षा के लिए मेहनत
Saturday, September 8, 2018
Topic(s) of this poem: hardship
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