तुम्हें याद आती होगी है पल पल
जब तुमने कॉपी में पढ़ा था|
पर तुमने खो दिया जो मैंने दिमाग में गढ़ा था|
काश! हम थोड़ा मेहनत करते,
नहीं ज्यादा तो कम ही करते|
जरूरी है मेहनत करना,
क्योंकि है हमें अपने मुकाम पर जाना|
मेहनत ही सफलता की पूंजी है,
जो हमारी पास होके भी हमसे दूजी है|
काश हम इस कायनात को बदल पाते,
हो मुठ्ठी में सबकुछ
उस वक्त को बदल पाते|
जब तुमने सुख को गया होगा,
तब तुमने दुख खाया होगा,
जब तुम ने पहली बार किसी को हराया होगा,
तब जाकर तुमने अपना मुकाम पाया होगा|
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