मेरी दोस्त Poem by Anu Mehta

मेरी दोस्त

Rating: 5.0

मेरी दोस्त एक गुलाब के फूल की जैसी है
और हमारी दोस्ती गुलाब के पौधे के जैसी है
गुलाब को हम तोड़ भी नही सकते,
गुलाब के पौधे को लगाकर अकेला छोड़ भी नही सकते,
अगर गुलाब के फूल तोड़ लिया तो मुरझा जायेगा,
और गुलाब के पौधे छोड़ दिया तो कोई ओर ले जायेगा
या फिर फिर सूख जाएगा….
दोस्त की खूबसूरती और दोस्ती की खुशबू मुझे बहुत आकर्षित करती हैं, पर मेरी दोस्त दुनिया का सबसे सुंदर फूल है,
ये हमारी दोस्ती का फूल हमेशा मेरे दिल के बगीचे खिलता
रहेगा |
I love my Cute friends……

मेरी दोस्त
Tuesday, June 11, 2019
Topic(s) of this poem: friends,friendship,love,love and friendship
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
मेरी दोस्त एक गुलाब के फूल की जैसी है
और हमारी दोस्ती गुलाब के पौधे के जैसी है
गुलाब को हम तोड़ भी नही सकते,
गुलाब के पौधे को लगाकर अकेला छोड़ भी नही सकते,
अगर गुलाब के फूल तोड़ लिया तो मुरझा जायेगा,
और गुलाब के पौधे छोड़ दिया तो कोई ओर ले जायेगा
या फिर फिर सूख जाएगा….
दोस्त की खूबसूरती और दोस्ती की खुशबू मुझे बहुत आकर्षित करती हैं, पर मेरी दोस्त दुनिया का सबसे सुंदर फूल है,
ये हमारी दोस्ती का फूल हमेशा मेरे दिल के बगीचे खिलता
रहेगा |
I love my Cute friends……
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