अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है Poem by Muhammad Asif Ali

अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है

अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है
दिया है हुस्न मौला ने दिखाना भी ज़रूरी है

इशारा तो करो मुझको कभी अपनी निगाहों से
अगर है इश्क़ मुझसे तो जताना भी ज़रूरी है

अगर कर ले सभी ये काम झगड़ा हो नहीं सकता
ख़ता कोई नज़र आए छुपाना भी ज़रूरी है

अगर टूटे कभी रिश्ता तुम्हारी हरकतों से जब
पड़े कदमों में जाकर फिर मनाना भी ज़रूरी है

कभी मज़लूम आ जाए तुम्हारे सामने तो फिर
उसे अब पेट भर कर के खिलाना भी ज़रूरी है

अगर रोता नज़र आए कभी मस्जिद या मंदिर में
बड़े ही प्यार से उसको हँसाना भी ज़रूरी है

अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
This is famous ghazal written by Indian poet Muhammad Asif Ali.
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