जिंदगी Poem by Nitesh K. mahlawat

जिंदगी

Rating: 4.0

तमाम उलझनो का नाम है जिंदगी
हर रोज़ मुश्किलों का पैगाम है जिंदगी
हर किसी को नहीं हमराज़ है जिंदगी
किसी से खुश किसी से नाराज़ है जिंदगी
कुर्बानियों का नाम दिन रात, है जिंदगी
दर्द की एक बड़ी सौगात है जिंदगी
मेरी तरह क्या तू भी, पहेली है जिंदगी
भीड़ में रहकर भी अकेली है जिंदगी
किसी के लिए ख़ुशी का साज़ है जिंदगी
किसी बद्नसीब के लिए मौत की आवाज़ है जिंदगी!

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