Nitesh K. mahlawat Poems

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1.
मैं क्यों डर जाता हूँ

मैं क्यों डर जाता हूँ
मैं क्यों घबरा जाता हूँ,
पीली सी रौशनी में काली सी परछाई देख मैं,
क्यों घबरा जाता हूँ,
...

2.
In The Path Of Life

In the path of life,
Everything is to fight.
Go ahead like soldiers,
Always do the right.
...

3.
जिंदगी

तमाम उलझनो का नाम है जिंदगी
हर रोज़ मुश्किलों का पैगाम है जिंदगी
हर किसी को नहीं हमराज़ है जिंदगी
किसी से खुश किसी से नाराज़ है जिंदगी
...

4.
जिंदगी

तमाम उलझनो का नाम है जिंदगी
हर रोज़ मुश्किलों का पैगाम है जिंदगी
हर किसी को नहीं हमराज़ है जिंदगी
किसी से खुश किसी से नाराज़ है जिंदगी
...

5.
The Way

Nothing comes out of nothing
work harder of everything
what will be, will be
No use to waste your thinking
...

6.
परिंदे क दर्द का फ़साना

एक परिंदे के दर्द का फ़साना था,
कटा था पर(पंख) फिरभी उड़ कर जाना था!
उड़ता चला जा रहा था बेफिक्री में वो,
न कोई मंज़िल थी बेशक काफिरों सा अफ़साना था!
...

7.
A Talk

They met,
Silence crawled
She asked his eyes
are you trembling to see me?
...

8.
एक मुसाफिर

हीरा बनकर भी तू, अंगूठी में जड़ा रह गया,
मुसाफिर आगे निकल गए तू खड़ा रह गया|
कभी सूरज सा जला कभी सविता सा बहा
कभी बादल सा जिया कभी कविता सा कहा
...

9.
गुलाल

आपकी निगाह ऐ करम में
क्या क्या अंजाम हो लिए,
तोड़ कर खुदा का घर
कुछ काशी चले गए
...

10.
तमन्ना

कुछ करने की तमन्ना है,
कुछ बनने की तमन्ना है!
कुछ खोने की तमन्ना में,
कुछ पाने की तमन्ना है!
...

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