ज़िन्दगी का सौदा कर
मैं मधुशाला हो आया हूँ.
चरणामृत समझकर कुछ (मधु)
साथ ले आया हूँ
आते जाते सबसे कहता
कुछ तुम लो, कुछ ले जाओ
खुश रहो खुद भी पीकर
और दूसरों को पिलाओ
ख़ुशी सिमटते नहीं सिमटती
कैसे कह दूँ क्या पाया हूँ
ज़िन्दगी का सौदा कर
मैं मधु पी आया हूँ.
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