प्यारा जहाँ Poem by Sanjay Amaan

प्यारा जहाँ

मेरी एक नज्म मेरी पुस्तक 'पैबंद ' से
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
घबराया हुआ सूरज हूँ,
रोशनी देना मेरा काम
सब पूछते हैं मुझ से -
तारे - सितारे कहाँ है?
ज़मीन पूछती है -
आसमान आवारा कहाँ हैं?
घबरा गया -
खुद आपने आप से ही मै
हम को बता दो -
हमारा प्यारा जहाँ कहाँ है?

- संजय 'अमान '

Friday, May 9, 2014
Topic(s) of this poem: poetry
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
journal
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Sanjay Amaan

Sanjay Amaan

u.p chauri chaura gorakhpur
Close
Error Success