Sanjay Amaan Poems

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1.
प्रेम ग्रंथ

मौसम के बदलते ही
तुम आ जाना,
जला के रखूँगा मै अलाव.
वैसे तो मौसम के बदलते ही
...

2.
शिलान्यास.

शिलान्यास.
- - - - - - -
सोचता हूँ
मोम सा मन, कोमल सा तन
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3.
रुख़ मोड़ने में

लगे हों उन्हीं रिश्तों को तोड़ने में
फ़ना हों गये हम जिन्हें जोड़ने में ।

मज़ा क्या मिला आप को ये बताओ
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4.
प्यारा जहाँ

मेरी एक नज्म मेरी पुस्तक 'पैबंद ' से
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
घबराया हुआ सूरज हूँ,
रोशनी देना मेरा काम
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5.
प्यारा जहाँ

मेरी एक नज्म मेरी पुस्तक 'पैबंद ' से
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
घबराया हुआ सूरज हूँ,
रोशनी देना मेरा काम
...

6.
प्यारा जहाँ

मेरी एक नज्म मेरी पुस्तक 'पैबंद ' से
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
घबराया हुआ सूरज हूँ,
रोशनी देना मेरा काम
...

7.
प्यारा जहाँ

मेरी एक नज्म मेरी पुस्तक 'पैबंद ' से
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
घबराया हुआ सूरज हूँ,
रोशनी देना मेरा काम
...

8.
Poem

नज़्म
- - - -
ख़्याल आया नाम बदल दिया है -
हुज़ूर ने -
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9.
Dark Night

I know you are not me
But you remember me every time
Your picture in my mind
As like bald in human body
...

10.
Smile

A poem by sanjay amaan

That he died
what fortunes he had had
...

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