अकेले ही जाना है। Poem by Priya Thakur

अकेले ही जाना है।

Rating: 2.5

अकेले ही आए थे, अकेले ही जाना है,
फिर क्यों तू उदास है,
फिर भी तुझमें वो आस है,
जिन्दगी में हर चीज़ बिना कुछ खोए नहीं पाते हम,
कुछ खोकर भी बहुत कुछ सीख जाते हम।
जरूरी नहीं हर कोई सही ओेर अच्छा हो जीवन में,
कुछ नासमझ ओर असफल लोगों से भी सीख जाते हम।
हमने भी सीखा है जिन्दगी में ऐसे ही कुछ लोगों से,
अब नहीं महसूस होता वो अकेलापन, अकेलेपन की भीड़ में जाना है अपनों को,
क्योंकि दिल में एक आस थी,
कुछ पाने की ख्वाहिश थी।
फिर भी कभी नहीं भूलते,
अकेले आए थे...........अकेले ही जाना है।

COMMENTS OF THE POEM
Captain Herbert Poetry 26 April 2015

Thank you for sharing your poem

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