दादाजी को पोता प्यारा, मानो जग मे हो वो सबसे न्यारा|
दादाजी का बस स्टैंड पर सेब खिलाना, पोते की कहानियों मे उनका आना जाना|
मानो पृथ्वी से कहीं दूर, किसी और ही ग्रह मे रहते हों,
जाने अनजाने अपने इस रिश्ते से, कितनी ही अनकही बातें कहते हों|
अदभुद इन दोनों का रिश्ता, विचित्र इनका प्यार..
दादाजी को पोता प्यारा, मानो जग मे हो वो सबसे न्यारा|
शब्दकोष मे ऐसी व्याख्या नहीं, जो इस स्नेह का वर्णन कर पाये|
लूट लो इस स्नेह को, जाने कब खज़ाना लुप्त हो जाये?
दादाजी को पोता प्यारा, मानो जग मे हो वो सबसे न्यारा|
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I also love my Grand Son in the same manner. A lovely poem..............10
Thanks a lot for these appreciative words...