Monday, November 24, 2025

'मेरे सपनों का भारत ' गया प्रसाद आनन्द की कविता Comments

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बदतमीज़ी, बदसलूकी —
बेअदब से न कभी पेश होना चाहिए।
अगर कोई ऐसा करे, भला,
उस पर तो केस होना चाहिए।
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Gaya Prasad Anand
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