Gaya Prasad Anand Poems

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1.
Aadmi

2.
प्यार का वार Gaya Prasad Anand

हथियार का मारा हुआ मरते हुये ये कह गया
प्यार का मारा सदा बीमार बनकर रह गया

यह बीमारी प्यार की जिसकी दवा है ही नहीँ
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केवल एक दिन की बात नहीँ
हम सदियों से सताये गये
हमेशा ऊंच नीच जाति पाती
के फंदों मे फँसाये गये
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चेतना गीत / सब पढ़े! सब बढ़े! !
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करो मेहनत से तुम सब पढ़ाई बबुआ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
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5.
प्रणित प्रेम Gaya Prasad Anand

आँखों में समंदर है
तो हाथों में रूहानी है
मेरा दिल दरिया है
जिसमें चाहत का पानी है
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6.
आदमी की औकात Gaya Prasad Anand

आदमी आम होता हैं आदमी ख़ास होता है,
आदमी के लिये ही आदमी बकवास होता है।
आदमी की नहीं सुनता जब कोई इस जमाने में,
निराशाओं का मारा वो सूखा घास होता है ॥
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हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई
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हम सबकी पहचान है हिन्दी,
होठों की मुस्कान है हिन्दी ।
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आओ हम सब वृक्ष लगाएं
धरा को अपने हरा करें हम
शीतल छाया पाएं
पशु पक्षी को आश्रय दें हम
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9.
माँ बाप औऱ हम Gaya Prasad Anand

माँ बाप और हम
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जब हम छोटे थे
कितने अच्छे थे
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10.
बहते 'आँसू' Gaya Prasad Anand

मुहब्बत में बहे आँसू,
मुसीबत में बहे आँसू

दिल का दर्द हर किस्सा
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