सामने तो बैठी हूँ
Tuesday, July 24,2018
10: 30 AM
जबतक सांस में सांस है
अटल मेरा विश्वास है
आस लगाए देखता हूँ
प्यास बुझाने पीता हूँ।
न कर गम इतना की सहन ना हो
अपनी सुधबुध का ना खोना हो
में यही आसपास देखती हूँ
तेरे सामने तो बैठी हूँ।
पलकों में मुझे तू बिठा लेना
अधरों में मुझे तू समा लेना
बाते चाहे मर्जी हो इतनी
कहानी पूरी अपनी, दिल से मुझे सुना लेना।
कर याद जब तेरा मन चाहे
पर भरना ना दिल से कभी आहे
धड़कन हो जाए तेज कभी
आंसू ना बहाना आँखों से मभी।
प्यार से कभी मुंह मत मोड़ो
हो सके तो दिल को जोड़ो
मंदिर तोड़ो, मस्जिद तोड़ो
पर प्यार भरे दिल को कभी ना कोसो।
हसमुख अमथालाल मेहता
प्यार से कभी मुंह मत मोड़ो हो सके तो दिल को जोड़ो मंदिर तोड़ो, मस्जिद तोड़ो पर प्यार भरे दिल को कभी ना कोसो। हसमुख अमथालाल मेहता
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