Shayari Page 14 Poem by Sankhajit Bhattacharjee

Shayari Page 14

ध्यान सबसे बड़ा व्यायाम है।
अगर मन सही है तो शरीर भी सही काम करता है।
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बात पति की तरह- हंसाती है, रुलाती भी है।
छाया पत्नी की तरह हमेशा सहारा देती है और समय प्यार होता है।
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अपनी जिंदगी अपने हाथों में।
दिल से सम्भालना, दिमाग लगाकर खेलना, सफलता किस्मत में।
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कम जानकारी है तो कोई दिक्कत नहीं।
ज्यादा जान गए तो जरूर फॅसोगे दिक्कत में सही।
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जितना पढ़ोगे, सोचो उतना।
नहीं तो इंसान बनेगा रोबोट, दबी हुई भावना।
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सबका अधिकार में मुझे विश्वास है।
लेकिन अनाधिकार चर्चा का अधिकार में मुझे बिलकुल नफरत है।
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मर्यादा एक ऐसी चीज़ है, जो खोता है, वह शेर की तरह शिकारी बनता है।
जिसे मर्यादा मिली है, वह असामाजिक नीति को छोड़कर सामाजिक बनता है।
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जहां मर्यादा नहीं है, वहां मत रहो यार।
मर्यादा पानी की तरह बहती है, बालू में कौन बनाता है अपना घर!
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