Sunday, June 9, 2024

दीदार-ए-इश्क़ Comments

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एक सुकून मिलता है तुझे देख कर,
मैं गुमसुम हो जाता हूं तुझे चाहकर,
मायूस ही गुजरता है मेरा वो दिन..
बातें ना तुझसे तो भटकता हूं दरबदर।।
...
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Vivek saswat Shukla
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