Wishseed Poem by Shyn Joseph

Wishseed

एक ख़्वाहिश थी मुझमें,
जो उम्र के साथ बढ़ता गया।
हर जगह घूमने की ख्वाहिश थी,
वह उम्र को रोक नहीं सका।

पैसा ही सब कुछ है,
उम्र भी कुछ होती है
समय इंतजार नहीं किया
और उम्र ने कहा अलविदा
मैं जो चाहता था वह नहीं आया

चाहत कहीं खो गई,
चेहरा बदल गया गुस्सैल
समय फिर सताने लगा
और एक निशान छोड़ दिया

ज़ख्मों पर ध्यान दो
आपने कोशिश की
आंसू ला सकता है
प्यार और मुस्कान के साथ
उस पर चढ़ो
ढीला, यादें देता है,
जीत, एक और मौका।

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