Rakesh Sinha Poems

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1.
Nari Ka Samman

एक ओर तो नारी शक्ति को,
दुर्गा, काली, सरस्वती, लक्ष्मी जैसे अनेक रूपों में हम पूजते,
देवी को प्रसन्न करने हेतु व्रत रखते, पूजा- अर्चना करते,
और वहीं दूसरी ओर देवी के जीवंत रूप,
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2.
Do You Ever Have Time?

Do you ever have time?
To watch and appreciate
the crimson sunset and sunrise? ,
the sea waves lashing the shore and receding? ,
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3.
Jeevan Ki Visamtayen

किसी की five star रातों में शैम्पेन बरसता है,
तो कोई दो घूंट सादे पानी को तरसता है |
कोई रंगीन रातों में item songs पर थिरकती बार-बालाओं पर पैसे लुटाता है,
तो कोई भूख से बिलखते बच्चों को झूठी तसल्ली देकर सुलाता है |
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4.
Naye Jamane Ka Sach

(ये कविता उस समय लिखी गयी थी जब मोबाइल फोन को भारत में launch हुए लगभग एक साल बीता था | याद कीजिए उन पुराने दिनों को और इस कविता का स्वाद लीजिए |)
जब मैने बैंक का नया account खुलवाया
तो form में address के साथ mobile नंबर का जिक्र आया,
मैने Column को blank छोड़ा
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5.
New Year

2014 कह रहा है bye-bye
और hello कहने को आतुर है 2015
चल रहा है greetings का आदान-पदान
सज रहीं हैं खुशियों की महफिलें
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6.
संभल जाओ

लौकी की रातों-रात बढ़त का राज़ है खतरनाक रसायनों का इंजेक्शन,
लाल-लाल मीठे तरबूजों का राज़ है लाल रंग और मिठास का इंजेक्शन,
मिलावटी है स्वादिष्ट मिठाइयों का मावा,
पर सब करते शुद्धता का दावा,
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7.
Pukaar

जीवन में सफलता के दो-चार सोपान चढ़ते ही
दौलत और सत्ता का नशा सर चढ़कर बोलने लगता है,
इंसान अपने अहं के वशीभूत होकर मदमस्त डोलने लगता है |
कोई सांसद तो कोई विधायक,
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8.
Amrit Phir Barsa De (Hindi Poem)

निस्तेज सी धरा है, ग़मग़ीन है हवाएं,
गंगा भी है मलिन सी, उदास हैं शिखाएं |
अधर्मियों की ताकत बढ़ती ही जा रही है,
इंसानियत है घायल, हैवानियत गुनगुना रही है,
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9.
नौ रस

कभी राह में घिसटते किसी लाचार अपंग भिक्षुक को देख कर मन में करुणा जाग उठती है,
तो कभी फूलों से भरे किसी बाग में प्रकृति का असीम सौन्दर्य देख मन शांति से भर जाता है |
कभी किसी श्रृंगारयुक्त युवती को देख कर मन आकर्षित होता है,
तो कभी किसी हास्य कविता पर खिलखिलाकर हंस पड़ता है |
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10.
Kaliyug

ये कलियुग है,
सत्ता, पद और दौलत को ही अब है पूजा जाता,
ईमानदारी और नैतिक मूल्यों का मूल्य, तो अब शून्य है आंका जाता |
क्यों आज भी बच्चों को ये सिखाते हैं कि
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