Roshan Sangahi

Roshan Sangahi Poems

अगर तुम कहो, तो पास आऊँ ।
अगर तुम कहो, तो दुर जाऊँ ।
कह दो बस की मुहब्बत हैं हमसे,
तो खुशबू बन कर,
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The Best Poem Of Roshan Sangahi

अगर तुम कहो

अगर तुम कहो, तो पास आऊँ ।
अगर तुम कहो, तो दुर जाऊँ ।
कह दो बस की मुहब्बत हैं हमसे,
तो खुशबू बन कर,
तेरी सांसों में भी बिखर जाऊँ ।।
कोई कहता है, मुहब्बत दीवानगी हैं ।
कोई कहता है, मुहब्बत आवारगी है ।
जिसे मिला वो कहता है,
मुहब्बत खुदा है, जिंदगी हैं ।।
तुम्हे हमसे शिकायत है,
कि हमे प्यार करना नहीं आता ।
हमे तुमसे शिकायत है,
कि तुम्हे समझना नहीं आता ।
कहीं जिंदगी बीत न जाएं इसी कश्मकश में ।
तुम्हे बताना नहीं आता I!

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