Anmol Phutela Poems

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1.
पिता

कल तुम बच्चे थे, तब वो जवान थे,
आज तुम जवान हो, तब वो बूढ़े हैं,

जब वो जवान थे, तुम्हारी हर बात मानते थे,
...

2.
फिसलन

कहने को हम ज़िन्दगी में ज़िन्दगी से काफी आगे निकल आते हैं,
मगर जब कभी वो पुरानी बातें याद आती हैं, हम सच में फिर से फिसल जाते हैं,
या शायद, मेरे दिल की चप्पल का तला काफी घिस चुका है,
हर बार तुम्हें देखते ही फिसल जाता है,
...

3.
सपना में सच

आजकल खुद से बहुत बातें करता हूँ,
तंग होकर बहुत सवाल करता हूँ,

कि क्या ये सब जो है,
...

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